सूखी डाली
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए_
(1) दादा मूलराज के बड़े पुत्र की मृत्यु कैसे हुई?
1. उत्तर: दादा मूलराज के बड़े पुत्र 1914 के महा युद्ध में लड़ते लड़ते शहीद हुए थेl
(2) 'सूखी डाली' एकांकी में घर में काम करने वाली नौकरानी का क्या नाम था?
2. उत्तर: घर में काम करने वाली नौकरानी का नाम रजवा थाl
(3)
बेला का मायका किस शहर में था?
3. उत्तर: बेला का मायका लाहौर में थाl
(4) दादा जी की पोती इंदु ने कहां तक शिक्षा प्राप्त की थी?
4. उत्तर: दादा जी की पोती ने प्राइमरी स्कूल तक शिक्षा प्राप्त की थीl
(5)
' सूखी डाली' एकांकी में दादा जी ने अपने कुटुंब की तुलना किससे की है?
5. उत्तर: दादाजी ने अपने कुटुंब की तुलना वट के महान पेड़ से की हैl
(6) बेला ने अपने कमरे में फर्नीचर बाहर क्यों निकाल दिया?
6. उत्तर: बेला ने अपने कमरे का फर्नीचर इसीलिए बाहर निकाल दिया क्योंकि वह पुराना हो गया था और टूट-फूट भी गया थाl
(7)
दादा जी पुराने नौकरों के हक में क्यों थे?
7. उत्तर: दादाजी पुराने नौकरों के हक में इसीलिए थे क्योंकि पुराने नौकर दयानदार और विश्वसनीय होते हैंl
(8)
बेला ने मिसरानी को काम से क्यों हटा दिया?
8. उत्तर: बेला के अनुसार उसे ढंग से काम करना नहीं आता, उसे काम का सलीका नहीं थाl इसीलिए उसने मिश्रानी को काम से हटा दियाl
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन चार पंक्तियों में दीजिए_
(1) एकांकी के पहले दृश्य में इंदु बिक्री हुई क्यों दिखाई देती है?
1. उत्तर: इंदु नई बहु बेला से हुई कहा-सुनी से बिफरी दिखाई देती हैl इंदु बड़ी बहू से कहती है कि नई बहू अपने मायके और अपने सामने किसी को कुछ गिनती ही नहींl उसने मिश्रानी को काम से हटा दिया और पूछने पर कहने लगी उसे काम नहीं आताl जब इंदु ने कहा कि 10 साल से वह काम कर रही है जाने बेला का कौन सा ऐसा काम है जो उससे नहीं होताl इस पर बेला और इंदु का वाद- विवाद करने हुआlइंदु बिफरी हुई थीl
(2) दादाजी कर्मचंद की किस बात से चिंतित हो उठते हैं?
2. उत्तर: दादाजी परेश के अलग होने की बात से चिंतित होते हैं उनके अनुसार उनका कुटुंब एक बरगद का पेड़ है और वह किसी कीमत पर पेड़ की किसी भी डाली को अलग टूटता हुआ नहीं देखना चाहतेl
(3) चंदिनी दादाजी को छोटी बहू बेला के विषय में क्या बताया?
3. उत्तर: कर्मचंद ने बताया कि छोटी बहू में दर्प की मात्रा शायद जरूरत से ज्यादा हैl अपने मायके के घराने को शायद यह उनके घराने से बड़ा समझती हैl उनके घर को वह नफरत की दृष्टि से देखती हैl मलमल के थान और रजाई के अबरे कर्मचंद ने लाकर दिए थे वह भी उसे पसंद नहीं आएl
(4) परेश ने दादा जी के पास जाकर अपनी पत्नी बेला समबंद में क्या बताया?
4. उत्तर: परेश ने दादा जी के पास जाकर अपनी पत्नी बेला के संबंध में कहा कि इस घर में बेला का मन नहीं लगता क्योंकि उसे कोई भी पसंद नहीं करताl सब उसकी निंदा करते हैंl
(5) जब परेश ने दादा जी से कहा कि बेला अपनी गृहस्थी अलग बसाना चाहती है तो दादा जी ने परेश को क्या समझाया?
5. उत्तर: जब परेश ने दादा जी से कहा कि बेला अपनी गृहस्थी अलग बिसाना चाहती है तो दादाजी ने कहा कि यह असंभव हैl मैं जब अपने परिवार का ध्यान करता हूं, तो मेरे सामने वट का महान पेड़ घूम आता है और देखता हूं उसकी शाखाएं, पत्ते, फल, फूलों से भरा- पूरा और फिर मेरी आंखों के सामने इस महान वृक्ष की डालियां टूटने लगती है और केवल ठठ रह जाता हैl मैं सिहर उठता हूंl ना बेटा मैं
अपने यह सब नहीं होने दूंगाl
(9) एकांकी के अंत में बेला रोंदे कंठ से क्या कहती है?
6. उत्तर: एकांकी के अंत में बेला और रंध कंठ से दादाजी को कहती है कि आप पेड़ से किसे डाली का टूट कर अलग होना पसंद नहीं करते पर क्या आप यह चाहेंगे कि पेड़ से लगी वह डाल सुख कर मुरझा जाएl
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 6_7 पंक्तियों में दीजिए_
(1) इंदु को बेला की कौन सी बात सबसे अधिक परेशान करती है? क्यों?
1. उत्तर: इंदु को बेला की हमेशा अपने मायके की बातें कर उन्हें छोटा सिद्ध करना सबसे अधिक परेशान करता हैl बेला हमेशा यही कहती है कि उसके मायके में यह नहीं होता, उसके मायके में यह नहीं होताl वह अपने मायके के सामने किसी को कुछ नहीं गिनतीl उसे सभी घरवाले मूर्ख, गवार और असभ्य लगते हैंl
(2) दादा जी छोटी बहू के अलावा घर के सभी सदस्यों को बुलाकर क्या समझाते हैं?
2. उत्तर: दादाजी छोटी बहू के अलावा सभी को बुलाकर समझाते है कि उन सबको छोटी बहू के साथ मिलकर रहना चाहिएl उसकी शिक्षा और समझदारी का लाभ उठाना चाहिए और ऐसी कोई बात नहीं करनी चाहिए जिससे उसे परेशानी होl वे सभी को कहते हैं कि कोई भी उमर या दर्जे में बड़ा नहीं होता, बड़ा तो बुद्धि या योग्यता से होता हैl चाहे छोटी बहू उम्र में छोटी है पर वह उन सबसे बड़ी हैl उसे जो आदर सत्कार अपने घर में मिलता था वही उस घर में भी मिलेl उसका काम सभी आपस में बांट ले और उसे पढ़ने लिखने का अधिक अवसर मिलेl उसे यह अनुभव ना हो कि वह किसी दूसरे घर में हैl दादा जी सभी को चेतावनी भी देते हैं कि अगर किसी ने छोटी बहू का निरादर किया हो तो उनसे उसका नाता हमेशा के लिए टूट जाएगा
(3) एकांकी के अंतिम भाग के घर के सदस्यों के बदले हुए व्यवहार परेशान क्यों हो जाती है?
3. उत्तर: बेला को लगता है कि सब उसके साथ परायो जैसा व्यवहार करते हैंl उसको आदर देने लगते हैंl उसकी सलाह मांगने लगते हैंl उसे कोई काम नहीं करने देते और हंसते, ठेहाके लगाते हुए भी उसको देख कर चुप कर जाते हैंl उन लोगों के ऐसे व्यवहार से परेशान हो जाती हैl उसे उनके इस व्यवहार का अजनबीपन लगता हैl
(4)
मंझली बहू् के चरित्र की कौन सी विशेषता इस एकांकी में सबसे अधिक दृष्टिगोचर होती है?
4. उत्तर: मंझली बहु का स्वभाव हंसी, ठिठोली करने वाला हैl वह हसमुख स्वभाव की हैl घर की सारी स्त्रियों को लेकर किसी ना किसी बात पर ठहाके मारकर हसाती रहती हैl कभी बेला के फर्नीचर बाहर निकाल देने वाली बात सबको बताती है तो कभी मलावी की छत फोड़ने की बात कर खूब जोर-जोर से हंसती है और नौकरानी की परेशानी दूर करने के लिए एक अनुभवी नौकरानी खोज लेने की बात भी बताती हैl
(5)
' सूखी डाली' एकांकी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
5. उत्तर: एकांकी यह शिक्षा मिलती है कि घर के सभी सदस्यों को मिल जुल कर रहना चाहिएl नए पुराने की टक्कर तथा घर में होने वाले संघर्ष को बहुत ही सूझ-बूझ से दूर करना चाहिए क्योंकि कुटुंब एक पेड़ के समान है और परिवार के से उसकी शाखाएं हैंl
(6) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए_
* यह कुटुंब एक महान वृक्ष है. हम सब इसकी डालियां हैं डालियों से ही पेड़ पेड़ हैऔर डालियां छोटी हो चाहे बड़ी, सब इसकी छाया को बढ़ाती है. मैं नहीं चाहता कोई डाली इससे टूटकर पृथक हो जाए.
1. उत्तर: दादा यह वाक्य दादा जी ने कहे हैl उनके अनुसार परिवार वृक्ष के समान है और घर के सारे सदस्य उनकी डालिया है l डालियों से पेड़ पेड़ है चाहे कोई डाली छोटी है या बड़ीl सब उसकी छाया बढ़ाती है कहने का भाव यह है कि सदस्य का अपना महत्व है परिवार का सदस्य टूटकर अलग नहीं होना चाहिए क्योंकि कोई भी डाली टूटे तो उसका घनत्व तो काम तो होता ही हैl
2. दादा जी, आप पेड़ से किसी डाली का टूटकर अलग होना पसंद नहीं करते, पर क्या आप यह चाहेंगे कि पेड़ से लगी_लगी वह डाल सुख कर मुरझा जाए.....
उत्तर: यह वाक्य एकांकी के अंत में बेला ने दादा जी से कहे की जब वह घर वालों के व्यवहार में कितना परिवर्तन देखती है कि सब उसे आदर देते हैं, उसे देखकर सहम जाते हैं, उसे कोई काम नहीं करने देतेl वह परिवार में घुल मिलकर रहना चाहती है तब वह दादा जी से यह शब्द कहती हैl