सदाचार का तावीज
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक जा दो पंक्तियों में दीजिए_
(1) राजा ने राज्य में किस चीज के फैलने की बात दरबारियों से पूछी?
उत्तर: राजा ने राज्य में भ्रष्टाचार करने की बात दरबारियों से पूछीl
(2) राजा ने भ्रष्टाचार ढूंढने का काम किसे सौंपा?
उत्तर: राजा ने भ्रष्टाचार ढूंढने का काम अपने दरबारियों को सौंपाl
(3)
एक दिन दरबारियों ने राजा के सामने किसे पेश किया?
उत्तर: एक दिन दरबारियों ने राजा के सामने एक साधु को पेश कियाl
(4) साधु ने राजा को कौन सी वस्तु दिखाएं?
उत्तर: साधु ने राजा को 'सदाचार का तावीज़' दिखायाl
(5)
साधु ने तवीज का प्रयोग किस पर किया?
5. उत्तर: साधु ने तावीज़ का प्रयोग कुत्ते पर कियाl
(6) तवीजो को बनाने का ठेका किसे दिया गया?
6. उत्तर: तावीजो को बनाने का ठेका साधु और उसकी मंडली को दिया गयाl
(7) राजा वेश बदलकर पहली बार कार्यालय कब गए थे?
7. उत्तर: वेश बदलकर पहली बार कार्यालय 2 तारीख को गए थेl एक दिन पहले ही कर्मचारियों को तनख्वाह मिली थीl
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन जा4 पंक्तियों में दीजिए_
(1) दरबारियों ने भ्रष्टाचार ना दिखने का क्या कारण बताया?
1. उत्तर: दरबारियों ने कहा वह बहुत बारीक होता हैl उनकी आंखें बारीक चीज नहीं देख पातेl दूसरी बात वह कहने लगे कि उनकी आंखों को राजा की विराटता देखने की इतनी आदत हो गई है कि उन्हें बारीक चीज नहीं दिखतीl
(2) राजा ने भ्रष्टाचार की तुलना ईशवर से क्यों की?
2. उत्तर: विशेषज्ञों ने राजा को बताया कि भ्रष्टाचार सक्षम है, इसीलिए वह हमें दिखाई नहीं देता पर सब जगह फैला हुआ है तो राजा ने उसकी तुलना ईश्वर से कि क्योंकि ईश्वर सर्व व्यापक है और दिखाई भी नहीं देताl
(3) राजा का स्वास्थ्य क्यों बिगड़ता जा रहा था?
3. उत्तर: राजा ने और दरबारियों ने भ्रष्टाचार मिटाने की योजना को जब पढ़ा और उस पर विचार किया तो कितने ही दिन बीत गएl चिंता के कारण राजा का स्वास्थ्य बिगड़ने लगाl
(4) साधु ने सदाचार और भ्रष्टाचार के बारे में क्या कहा?
4. उत्तर: साधु ने कहा भ्रष्टाचार और सदाचार मनुष्य की आत्मा में होता हैl विधाता जब मनुष्य को बनाता है तब किसी की आत्मा में ईमान कि कल फिट कर देता है और किसी की आत्मा में बेईमानी कीl इस कल में से ईमान या बेईमानी के स्वर निकलते हैं जिन्हे आत्मा की पुकार कहते हैंl और आत्मा की पुकार के अनुसार ही आदमी काम करता हैl
(5) साधु का तावीज बनाने के लिए कितनी पेशगी दी गई?
5. उत्तर: साधु को तावीज़ बनाने के लिए 5 करोड रुपए की पेशगी दी गई
(6) तावीज किस लिए बनवाए गए थे?
6. उत्तर: तावीज़ राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए राज्य के प्रत्येक व्यक्ति के लिए बनवाए गए थेl
(7) महीने के आखिरी दिन तवीज में से कौन से स्वर निकल रहे थे?
7.उत्तर: महीने के आखिरी दिन तावीज़ मे से स्वर निकल रहे थे- "अरे आज 31 है आज तो घूस ले लोl
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 6 जा 7 पंक्तियों में दीजिए_
(1) विशेषज्ञों ने भ्रष्टाचार खत्म करने के क्या-क्या उपाय बताएं?
1. उत्तर: विशेषज्ञों ने बताया कि भ्रष्टाचार मिटाने के लिए राजा को व्यवस्था में परिवर्तन करने होंगेl भ्रष्टाचार के मौके मिटाने होंगेl जैसे ठेका है तो ठेकेदार है और ठेकेदार है तो अधिकारियों को घूस हैl ठेका मिटा दिया जाए तो उसकी घूस मिट जाए और किन कारणों से आदमी घूस लेता है और इस पर भी विचार करना होगाl
(2) साधु ने तावीज के क्या गुण बताएं?
2. उत्तर: साधु ने कहा कि इस तावीज़ में यह गुण है कि जिस आदमी की भुजा पर यह बंदा होगा वह सदाचारी हो जाएगाl जब किसी की आत्मा में से बेईमानी के स्वर निकलने लगते हैं तो यह तावीज की शक्ति उस आत्मा का गला घोट देती है और आदमी को तावीज़ से ईमान के स्वर सुनाई पड़ते हैं और वे सदाचार के लिए प्रेरित होता हैl
(3)'सदाचार का तावीज' का पाठ में छिपे व्यंग को स्पष्ट कीजिए
3. उत्तर: सदाचार का तावीज़ पाठ में यह एक व्यंग्य के माध्यम से समझाया गया है कि भ्रष्टाचार को कोई भी ताबीज रोक नहीं सकताl सदाचारी व्यक्ति को अपनी ईमानदारी का परिणाम है और जब तक समाज में परिस्थितियों में सुधार नहीं होता तब तक भ्रष्टाचार से मुक्ति नहीं मिल सकतीl