गाता खग
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक जा दो पंक्तियों में दीजिए_
(1)
पक्षी प्रात: उठकर क्या गाते हैं?
उत्तर: पक्षी प्रात: उठकर संसार के लोगों के सुखी एवं समुद्री जीवन की कामना के गीत गाता हैl
(2) तारों की पंक्तियों की आंखों का अनुभव क्या है?
उत्तर: तारों की पंक्तियां मानव के दु:ख और आंसू दे देखकर उसके रूप में सवंय भी आंसू बहाती हैl
(3) फूल हमें क्या संदेश देते हैं?
उत्तर: फूल मानव को हमेशा मुस्कुराने का संदेश देते हैंl
(4) लहरें किस उमंग में आगे बढ़ती जाती है?
उत्तर: लहरें असफलता की परवाह किए बिना विश्वास की उमंग के साथ आगे बढ़ती जाती हैl
(5) बुलबुला विलीन होकर क्या पाद जाता है?
उत्तर: बुलबुला विलीन होकर जिंदगी के मकसद को पा जाता हैl
2. निम्नलिखित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-
(1) हंसमुख प्रसुन सिखलाते
पल भर है, जो हंस पाओ,
अपने उर की सौरभ से,
जग का आंगन भर जाओl
प्रसंग: प्रस्तुत पंक्तियां हमारी हिंदी की पाठ्यपुस्तक 10 में संकलित सुमित्रानंदन पंत की कविता 'गाता खग' से ली गई हैl इन पंक्तियों में कवि ने प्रकृति के विविध स्वरूपों का वर्णन किया हैl
व्याख्या: कवि कहता है मुस्कुराते हुए फूल मानव को यह संदेश देते हैं कि यह जीवन बहुत छोटा है और हमें सदा मुस्कुराते रहना चाहिएl वह हमें यह संदेश देते हैं कि संसार में आशा और उम्मीद की खुशियां बांट कर संसार के आंगन को मुस्कुराहट से भर दोl
(2) उठ- उठ लहरें कहती यह -
हम कूल विलोक ने पाए,
पर इस उमंग में बह-बह
नित आगे बढ़ती जाएl
प्रसंग: प्रस्तुत पंक्तियां हमारी हिंदी की पाठ्यपुस्तक 10 में संकलित सुमित्रानंदन पंत की कविता 'गाता खग' से ली गई हैl इन पंक्तियों में कवि ने प्रकृति के विविध स्वरूपों का वर्णन किया हैl
व्याख्या: कभी कहता है कि पानी की लहरें उठ उठकर मानव को बिना और सफलता या किसी डर की परवाह किए बिना आगे बढ़ते रहने का संदेश देती हैl चाहे पानी की लहरों को किनारा नहीं दिखताl पर फिर भी आगे बढ़ती जाती हैl पानी की लहरें उमंग में बिना रुके आगे ही आगे बढ़ती रहती हैl