मेरे जीवन का लक्ष्य
में
अब दसवी कक्षा में
पढ़ रहा हूँ। मैंने
अपने जीवन का लक्ष्य
निर्धारित
कर लिया है। में
बड़ा होकर एक सैनिक
बनकर देश की सेवा
करना चाहता
हूँ।
प्रायः अखबारों रेडियो व टेलीविज़न के
माध्यम से पाकिस्तान की
ओर से भारत में
आतंक फैलाने की घटनाएँ पढ़ने-सुनने को मिलती हैं।
बांग्लादेश
से भी भारत घुसपैठ
होती रहती है। चीन
ने पहले ही भारत
का
एक बड़ा भूभाग दबाकर
रखा है अब भी
उसकी नीयत भारतीय ज़मीन
पर
कब्जा
करने की रहती है।हमने
एक लम्बी गुलामी के बाद बड़ी
कुर्बानियाँ
देकर
आज़ादी प्राप्त की है ।
इसे कायम रखना प्रत्येक
भारतवासी का
कर्तव्य
है। में अब कभी
दोबारा भारत पर कोई
भी आँच नहीं आने
आने
दूँगा।
मुझे खुशी है कि
मेरे जीवन के लक्ष्य
निर्धारण में मेरा परिवार
मेरे
साथ
है। मेरे मामा जी
भी लम्बे समय से फौज
में अफसर हैं। उन्होंने
भी
मुझे
काफी प्रेरित किया है। उन्होंने
अन्य विषयों के साथ-साथ
विशेष रूप से
गणित
और विज्ञान में अच्छे अंक
प्राप्त करने, शरीर को स्वस्थ
व फुर्तीला
रखने
के लिए नियमित रूप
से व्यायाम करने तथा जीवन
में निडरता व
अनुशासन
पर बल देने की
बात कही है। निस्संदेह
रास्ता कठिन है किन्तु
मुझे
विश्वास है कि आत्मविश्वास,
इढ़ इच्छाशक्ति व मेहनत के
सहारे में
अपने
लक्ष्य को प्राप्त कर
लूँगा।